द साउथर्न यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी द्वारा चीन में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, ब्लड ग्रुप ए वाले लोगों को नॉन-ए ब्लड ग्रुप की तुलना में कोरोनो वायरस यानि कोविड 19 के इंफेक्शन का खतरा ज्यादा होता है। शोधकर्ताओं ने ये भी पाया कि ओ ब्लड ग्रुप में इस वायरस के इंफेक्शन का खतरा सबसे कम होता है।
कोविड 19 संक्रमित 2173 मरीजों पर यह शोध हुआ। मरीजों का रक्त समूह वितरण तब वुहान में रहने वाले 3,694 लोगों की सामान्य आबादी के समूह के साथ किया गया था। शोधकर्ताओं ने पाया कि रक्त समूह ए गैर-ए रक्त समूह की तुलना में ज्यादा रिस्क पर थे। इसके अलावा ओ ब्लड ग्रुप वाले लोगों में रिस्क कम था। शोधकर्ताओं के मुताबिक हर ब्लड ग्रुप में मौजूद एंटीबॉडीज़ अलग प्रकार की होती हैं और यही एंटीबॉडीज़ किसी भी वायरस या बैक्टीरिया से लड़ने का काम करती हैं। अगर एंटीबॉडीज़ हर ब्ल़़ड ग्रुप में अलग-अलग हैं तो कोविड 19 को हराने की ताकत भी हर अलग ब्लड ग्रुप वाले व्यक्ति की अलग होगी।
ब्लड ग्रुप का कैसे है वायरस से रिश्ता?
दरअसल ब्लड में ही एंटीबॉडीज़ पाई जाती हैं। जो किसी भी फॉरेन बॉडी जैसे- वायरस या बैक्टीरिया से लड़ती हैं। यह एंटीबॉडीज़ किसी भी रोग के खिलाफ तब तक नहीं बनती जब तक उस रोग का वायरस शरीर में प्रवेश ना करे। जैसे ही वायरस शरीर में आता है अपने आप हमारे ब्लड में एंटीबॉडीज़ बनने लगती हैं और फौरन ही इस फॉरेन बॉडी को नष्ट कर शरीर को रोग मुक्त कर देती हैं। किसी भी वायरस की वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया भी ऐसी ही होती है। वैक्सीन के रूप में वायरस को ही शरीर में भेजा जाता है लेकिन उसका जैनेटिक मैटेरियल या प्रोटीन रिमूव कर जिससे वह मल्टीप्लाई ना कर सके। शरीर इस प्रोटीन या जैनेटिक मैटेरियल रहित वायरस को फॉरेन बॉडी मान लेता है और उसके खिलाफ एंटीबॉडीज बनाना शुरु कर देता है। वैक्सीन जरूरी इसलिए है क्योंकि जब असली वायरस शरीर के अंदर जाता है तब शरीर उससे लड़ लेता है क्योंकि इसके खिलाफ पहले से ही ब्लड में एंटीबॉडीज़ बन चुकी होती हैं।
ओ ब्लड ग्रुप वाले कम रिस्क पर
एक और शोध में दावा किया गया था कि ओ ब्लड ग्रुप वाले इस संक्रमण से काफी हद तक बच सकते हैं।
यह शोध 75 हजार लोगों पर किया गया था। शोध में पाया गया कि जिन लोगों को ब्लड ग्रुप ओ है उनमें बाकी लोगों के मुकाबले कोविड 19 का खतरा 18 फीसद कम है।
हालांकि इस रिसर्च के बाद आपको कोविड 19 और अपने ब्लड ग्रुप को लेकर ज्यादा गंभीरता से नहीं सोचना चाहिए। अगर आप ए ब्लड ग्रुप के हैं तो ये लेख आपको डराने के लिए नहीं है। यह लेख सिर्फ शोध पर आधारित है और इस पर अभी और रिसर्च होना बाकी है। आपको सिर्फ जरूरत है सोशल डिस्टेंसिंग रखने की। जरूरत ना हो तो घर से बाहर ना निकलें और हमेशा मास्क, सेनिटाइजर का प्रयोग जरूर करें।
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