Monday, June 8, 2020

"अब्राहम लिंकन"

साल 1809 में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन का जन्म हुआ था. वो अमेरिका
 के सोलहवें राष्ट्रपति थे और रिपब्लिकन पार्टी से थे. उन्हें दास प्रथा को खत्म करने और 
अमेरिकी गृहयुद्ध से निजात दिलाने का श्रेय जाता है. आइए जानते हैं उनके जीवन से 
जुड़ी कई अहम बातें...
- अब्राहम लिंकन का जन्म एक गरीब अश्वेत परिवार में हुआ था और उन्हें गरीबी की

 वजह से कई मुश्किलों को सामना करना पड़ा.

- वे प्रथम रिपब्लिकन थे जो अमेरिका के राष्ट्रपति बने.

अब्राहम लिंकन का जीवन परिचय Abraham Lincoln Biography In Hindi

नाम : अब्राहम थॉमस लिंकन।

जन्म : 12 फरवरी 1809 केंटुकी (अमेरिका)।

पिता : थॉमस लिंकन।

माता : नेन्सी।

विवाह : मेरी टॉड के साथ (1842 मे)।

मृत्यु : 15 अप्रैल 1865।

उनके पिता का नाम थॉमस और उनकी माता का नाम नैंसी हैंक्स लिंकन था। लिंकन की छोटी बहन का नाम सारा था और छोटे भाई का नाम थॉमस था। अब्राहम लिंकन के पिता को पैसों के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता था। जब अब्राहम 9 साल के थे तब उनकी मां का देहांत हो गया था।

लिंकन की मां के गुजरने के बाद उनके पिता ने फिर से विवाह कर लिया। सौतेली मां ने लिंकन को अपने बेटे की तरह प्यार दिया और उनका मार्गदर्शन किया। बचपन से ही अब्राहम को पढ़ने लिखने का बहुत शौक था।

 उनको किताबें पढ़ना बहुत प्रिय था। किताबों के लिए वह मीलों दूर तक पैदल ही चले जाते थे। “द लाइफ ऑफ जॉर्ज वाशिंगटन” उनकी प्रिय पुस्तक थी। 21 वर्ष का हो जाने के बाद अब्राहम ने बहुत तरह के काम किए।

उन्होंने दुकानदार, पोस्ट मास्टर, सर्वेक्षक जैसी बहुत सी नौकरियां की। जीविका के लिए वह कुल्हाड़ी से लकड़ी काटने का काम करने लगे। उन्होंने सुअर काटने से लेकर लकड़हारे तक का काम किया, और खेतों में मजदूरी भी की।

अब्राहम लिंकन का विवाह ABRAHAM LINCOLN MARRIAGE

1843 में अब्राहम लिंकन ने मैरी टॉड नामक लड़की से विवाह कर लिया। सभी लोग मेरी टॉड को एक महत्वकांक्षी नकचढ़ी घमंडी लड़की समझते थे। मैरी के बारे में यह बात बहुत प्रसिद्ध थी कि वह हमेशा कहती थी कि वह उस पुरुष से विवाह करेगी जो अमेरिका का राष्ट्रपति बनेगा।

इस बात के लिए सभी लोग उसका बहुत मजाक उड़ाते थे। लिंकन की पत्नी ने 4 बच्चों को जन्म दिया पर उनमें से सिर्फ एक रॉबर्ट टॉड ही जीवित बचा। सब लोग ऐसी बातें करते हैं कि लिंकन की पत्नी उनसे बात-बात पर झगड़ा करती थी और उनको बिल्कुल भी सम्मान नहीं देती थी

अब्राहम लिंकन की वकालत  HIS CAREER AS A LAWYER

राष्ट्रपति बनने से पहले अब्राहम लिंकन ने 20 सालों तक वकालत की, पर इस दौरान उन्होंने सदैव सत्य और न्याय का ही साथ दिया। उन्होंने महात्मा गांधी की तरह कभी भी झूठे मुकदमे नहीं लिए। सदा सत्य और न्याय से जुड़े मुकदमे ही लिए।

अब्राहम लिंकन ने वकालत से कभी बहुत ज्यादा पैसा नहीं कमाया क्योंकि वह गरीब व्यक्तियों से बहुत कम पैसा लेते थे। बहुत से मुकदमों का निपटारा वह न्यायालय से बाहर ही कर देते थे जिसमें उनको ना के बराबर फीस मिलती थी।

वो अपने मुवक्किलों को कोर्ट के बाहर ही सुलह करने की सलाह देते थे जिससे समय और धन की बर्बादी ना हो। एक बार उनके एक मुवक्किल ने उनको $25 फीस दी, पर लिंकन ने सिर्फ $15 लिए और $10 वापस कर दिए।

लिंकन ने कहा कि उनकी फीस सिर्फ $15 ही बनती है। उनकी ईमानदारी और सच्चाई की बहुत ही कहानियां है। लिंकन ने कभी भी झूठे मुकदमों को नहीं लड़ा। हमेशा सच का साथ दिया। वह कभी भी धन के लोभी नहीं रहे।

यही वजह थी कि वह वकालत के समय बहुत कम पैसा ही कमा पाते थे। वह किसी भी धर्म का पक्ष नहीं लेते थे। वह कहते थे कि जब मैं अच्छा काम करता हूं तो अच्छा अनुभव करता हूं और जब बुरा काम करता हूं तो बुरा अनुभव करता हूं। यही मेरा धर्म है।

अब्राहम लिंकन राष्ट्रपति के रूप में ABRAHAM LINCOLN AS A PRESIDENT

अब्राहम लिंकन न्यू रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य थे। रिपब्लिकन पार्टी दास प्रथा को खत्म करना चाहती थी। उनका विचार था कि मनुष्य को दास बनाकर खरीदना बेचना या रखना अमानवीय कार्य है। दास प्रथा को लेकर पूरा अमेरिका देश बंटा हुआ था।

आधे लोग चाहते थे कि दास प्रथा खत्म हो जाए जबकि आधे लोग चाहते थे कि यह जारी रहे। दक्षिण अमेरिका के गोरे निवासी चाहते थे कि गुलाम (अश्वेत) उनके खेतों में मजदूरों की तरह काम करें। गोरे अश्वेत नागरिकों को अपना गुलाम बनाना चाहते थे। 1860 में अब्राहम लिंकन को अमेरिका के 16 राष्ट्रपति के रूप में चुना गया।

 31 वे साल में वो Business में fail हो गया. 32 वें साल में वो state legislator का चुनाव हार गया, 33 वें साल में उसने एक नया business try किया, और फिर fail हो गया. 35 वें साल में उसकी मंगेतर का निधन हो गया. 36 वें साल में उसका nervous break-down हो गया. 43 वें साल में उसने कांग्रेस के लिए चुनाव लड़ा पर हार गया, 48 वें साल में उसने फिर कोशिस की पर हार गया. 55 वें साल में उसने Senate के लिए चुनाव लड़ा पर गया, अगले साल उसने Vice President के लिए चुनाव  लड़ा पर हार गया. 59 वें साल में उसने फिर से Senate के चुनाव लड़ा पर हार गया. 1860 में वो आदमी जो A. Lincoln sign करता था अमेरिका का 16 वाँ राष्ट्रपति बना.


मृत्यु :


        4 मार्च 1864 को लिंकन को दुबारा अमेरिका का राष्टपति चुना गया | इसके एक महीने बाद १४ अप्रैल को   गृह युद्ध पर विजय के उपलक्ष में एक आयोजन रखा गया। 15 अप्रैल 1865 को उनकी मौत हुयी। वहां पर ष्टयन्त्रकार्यों ने धोखे से लिंकन पर गोली चला दी और लिंकन की मृत्यु हो गयी | इसके बाद लिंकन की महानता का सने अनुभव किया एक बिना पढ़ा लिखा वयक्ति किस प्रकार अपनी प्रतिभा के बल पर अमेरिका के राष्टपति में सबसे सफल राष्टपति  बना |


विचार :


• तुम जो भी हो, नेक बनो.

• मैं एक धीमी गति से चलता ज़रूर हूँ, लेकिन कभी वापस नहीं चलता

• अगर एक बार आप अपने नागरिकों (जनता) का भरोसा तोड़ दें, तो आप फिर कभी उनका सम्मान और आदर नहीं पा सकेंगे.

• निश्चित कर लो कि तुम्हारे पैर सही जगह पर पड़े हैं तब सीधे खड़े हो.

• यदि शांति चाहते हो तो लोकप्रिय होने से बचो.

• साधारण दिखने वाले लोग ही दुनिया के सबसे अच्छे लोग होते हैं : यही वजह है कि ईश्वर ऐसे ही बहुत से लोगों का सृजन करते हैं.

• हमेशा ध्यान में रखिये कि आपके द्वारा सफल होने का लिया गया संकल्प किसी भी अन्य संकल्प से ज्यादा महत्त्वपूर्ण है.

• एक पेड़ काटने के लिए आप मुझे 6 घंटे दें और मैं पहले 4 घंटे अपनी कुल्हाड़ी की धार तेज करने में लगाऊंगा।







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